जनताके हकमे काम कैना प्रतिवद्धता
पहुरा दैनिक डटकम । धनुषा । २०७९ चैत २० गते
धनगढी, १९ चैत । सुदूरपश्चिम प्रदेशसभा सदस्यहुक्रे जनताके हक अधिकारके लाग काम कैना प्रतिवद्धता जनैले बटै । इन्सेक ओ फियान नेपाल सुदूरपश्चिम प्रदेशके आयोजनामे अँटवारके रोज धनगढीमे हुइल ‘आर्थिक, सामाजिक ओ सांस्कृतिक अधिकारके सवालमे प्रदेश सरकारके दायित्व, भूमिका’ विषयक कार्यशालामे प्रदेश सांसदहुक्रे पाँच बरससम जनताके हकअधिकारके लाग काम कैना बटाइल रहिट । प्रदेशसभा सदस्य प्रकाशबहादुर बम प्रदेश सरकारसे डेहल अधिकारमे रहिक जनताके हितमे काम कैना बटैले बटै । प्रदेश सरकारप्रति जनताके ढेर आपेक्ष रहठ,’ उहाँ कहलै, ‘संघीय सरकार ओ स्थानीय सरकारहे ढेर अधिकार डेहल बा । मने प्रदेशहे जौन मेरिक अधिकार डेहे पर्ना उ नइपाइल हो । बजेटफे कम हुइलक कारण काम कैना गाह्रो हुइल बा ।’
प्रदेश सरकारसे डेहल बजेटके पचास प्रतिशत बजेट केल विकासके क्षेत्रमे प्रयोग हुइना, पचिस प्रतिशत कमिशन ओ पचिस प्रतिशत खर्च नइसेकल कारण विकासके गति फडको मारे नइसेकल उहाँ बटैलै । प्रदेश सरकार गठन हुइलक चार महिना विटलेसेफे अपनेहुक्रे काम विहिन हुइल प्रदेशसभा सदस्य बम बटैलै । बैशाख, जेठमे बजेट बाँटके असारमे सेक्ना परिपाटीके अन्त्य करे पर्नाफे उहाँ सुझैलै । प्रदेश सरकारके अघिल्का कार्यकालसे बनाइक ऐन कानूनबारे लौवा आइल प्रदेश सांसदहुकनहे पत्ता नइरहलफे उहाँ बटैलै ।
प्रदेशसभा सदस्य रमेश धामी संघीय गणतन्त्रहे टिकाईक लाग सक्कु जाने मिल्के काम कैना जरुरी रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘अभिनफे जनताहुक्रे आर्थिक, सामाजिक ओ सांस्कृतिक अधिकारसे बन्चित हुइल बटै । उ संग्गे शैक्षिक गुणस्तर खस्कटी गैल बा । गुणस्तरीय शिक्षाके लाग सक्कु पक्षके ध्यान जैना जरुरी बा ।’ जनताहुकनहे आर्थिक, सामाजिक ओ सांस्कृतिक अधिकारसँगे राजनितिक अधिकारफे सुनिश्चित कैना जरुरी रहल उहाँ बटैलै । प्रदेशसभा सदस्य डा. तारा जोशी विकासके नाउँमे आइल बजेटमे कमिशनके लेना परिपाटीके कारण अर्थतन्त्र ओ विकासमे भारी असर परल बटैलै । आघेक सरकारके काम सन्तोषजनक नइडेखगिल,’ उहाँ कहलै, ‘यी सरकार गठन हुइलकफे चार महिना विटल सुरुवाटी चरणसे सुस्ट डेखजैटी बा । प्रदेश सरकार काहे अलमलमे बा । जनता आवाज उठाई भिरगैल बटै ।’ अनुदानहे उत्पादनके रुपमे लगानी कैनाफे उहाँ सुझाव डेलै । प्रदेश सभा सदस्य जानकी ऐर बम अघिल्का सरकारके मजा कामहे आत्मसात कैना ओ नइकामहे सच्याके लैजैटी जनताहे आर्थिक, सामाजिक ओ सांस्कृतिक अधिकार डेहे पर्ना बटैली । सरकारसे पैना अनुदानहे किसान खासे वास्ता नइकैना परिपाटी बैठल उहाँ बटैली ।
प्रदेशसभा सदस्य कैलाश चौधरी संघीय सरकारसे पैना अधिकार प्रदेश सरकार नइपाइल बटैलै । प्रदेश सरकारके टुक्रे बजेट खर्च करल, रातो किताव उल्लेख हुइल बजेटफे कार्यकर्तामुखी डेखल बा,’ उहाँ कहलै, ‘वडा कार्यालयसे करे सेक्ना टुक्रे बजेट प्रदेश सरकारसे खर्च करल बा । जेकर कारण राजनितिक आपेक्ष लाग जैटी बा । कैलाली क्षेत्र नम्बर १ से विजयी माननीय रेशम चौधरीहे जेलमे थुनके उ क्षेत्रके जनताहे विकाससे बन्चित पारल उहाँ बटैलै । पाँच बरससम जनतनहे प्रतिनिधि विहिन बनाइल मने प्रदेश सरकारसे ओकर लाग कुछ पहल नइकरल उहाँ बटैलै । सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके मुख्य न्यायधिवक्ता कुलानन्द उपाध्यक्ष संघीयता कार्यान्वयन सबसे भारी बाट रहल बटैलै । प्रदेश सरकारके अघिल्का पालाके गतिविधिप्रति जनता सन्तुष्ट नइहुइल कारण प्रदेश सरकारके खारेजीके मागफे उठल उहाँ बटैलै ।
कार्यक्रममे राष्ट्रिय अपाङता महासंघके प्रदेश महासचिव नन्दराज भट्ट हिंसामे परल अपाङता रहल महिलाके लाग रिहाव सेन्टरके व्यवस्था नइरहल, अपाङता रहल व्यक्ति आर्थिक, सामाजिक ओ सांस्कृतिक अधिकार पाइल महशुस नइहुइल बटैलै ।
ओस्टेक कार्यक्रममे राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके अधिकृत गणेश जोशी, नेफिन प्रदेश अध्यक्ष दलबहादुर घर्तीमगर, पत्रकार अर्जुन शाहलगागत जनताहुक्रे आर्थिक, सामाजिक ओ सांस्कृतिक अधिकारसे बन्चित हुइल बटैलै । कार्यक्रममे सहजीकरण करटी इन्सेक प्रदेश संयोजक खडकराज जोशी प्रदेश सरकारके गतिविधिसे जनतामे नैरास्यता पैदा हुइल बटैलै । विद्यार्थीनके अनुपातमे शिक्षक दरबन्दी नइरहल, सामुदायिक विद्यालयमे टमान बहनामे शुल्क लेहल, विद्यालयमे पाठयपुस्तक नइपुगल, गरिबीके कारण विद्यार्थी विचमे विद्यालय छोरल, निशुल्क पैना औषधीके व्यवस्था नइहुइल उहाँ बटैलै । ओस्टेक करके तीन तहके सरकारविच समन्वयके कमी, बजार अनुगमन फितलो, किसानहुक्रे मल नइपैना, विषादी दारल टिना खाई पर्ना बाध्यता, फोहोरमैला, छाडा गैयाके व्यवस्थापनमे कमी, यूवा पिढी लागु औषध दुव्र्यशनीमे फस्टी गैल, शैक्षिक सिकाईमे चेतनाके विकास नइहुइल बटैलै । फियान नेपालके प्रदेश संयोजक मुकुन्द राना लडिया सिमा तटिया क्षेत्रके जनता बाढीके कारण पीडित हुइल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘बर्षेणी बर्खाके बेला कृषि योग्य जमिन कटटी जाइटा । बाढले पटानीके कारण खेतीयोग्य जमिन मरुभुमि बनल कारण उत्पादनमे ह्रास आइल बा ।’ बाढसे विस्थापितहुकनके पुनस्र्थापनामे सरोकारवाला निकायके खासे पहल नइहुइल संयोजक राना बटैलै ।