५ हजार ५४३ जाने पीडित
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ८ फागुन । इन्सेकसे करल अभिलेख अन्सार सन २०२० मे देशभर मानव अधिकार उल्लङघनके घटनामे ५ हजार ५ सय ४३ जाने पीडित हुइल जनागिल बा । शुकके रोज ‘नेपाल मानव अधिकार बर्ष पुस्तक २०२१ सार्वजनिकरण तथा सन २०२१ के मानव अधिकार अवस्था’ विषयक अन्तरक्रिया कार्यक्रममे इन्सेक प्रदेश संयोजक खडकराज जोशी उ जानकारी डेहल रहिट । यी बर्ष मानवअधिकार उल्लङघनके घटनामे ५८ महिला ओ ६ सय १७ पुरुष करके जम्मा ६ सय ७५ जाने जाने पीडिट हुइल उहाँ जनैलै । ज्यादतीके घटनामे ४ हजार २७१ महिला, ५ सय ९५ जाने पुरुष, एक जाने लैगिङक तथा अल्पसंख्यक समुदायके व्यक्ति, एक जाने नइखुलल सहित जम्मा ४ हजार ८६८ जाने पीडित हुइल बर्ष पुस्तकमे उल्लेख हुइल बा, यी संख्या गैल बर्षसे १ हजार ९९ जाने कमी हो प्रदेश संयोजक जोशी कहलै ।
यी बर्ष राज्यपक्षसे सात जानेक हत्या हुइल, यी बर्ष यातताके घटनामे नौ जाने, गिरफतारीके घटनामे ३ सय ७० जाने, जातीय विभेदके घटनामे ४८, अमानविय व्यवहारके घटनामे २५ जाने, भेला तथा संगठित हुइना अधिकारमे ९४ जाने, धम्कीके घटनामे २५ जाने, कुटपिटके घटनामे ३ सय २० जाने पीडित हुइल अभिलेख हुइल बा । सन २०१९ मे मानव उल्लङघन ओ ज्यादतीके घटनामे ६ हजार ६४२ जाने पीडित हुइल रहिट । बर्ष २०२० मे कोभिड महामारीके कारण मानव अधिकार उल्लङघन तथा ज्यादतीके सक्कु घटना कानूनी प्रक्रियासम नइआइपुग्के घटनाके अनुगमन, प्रलेख कैना कार्यमे समेत बाधा पुगल कारणसे घटनाके संख्यामे कमी आइल इन्सेकसे अनुमान करल संयोजक बटैलै । ‘महिला विरुद्ध हुइना सक्कु मेरिक दुव्र्यवहार घटनामे सन २०२० मे २ हजार ६०६ जाने पीडिट हुइल अभिलेख हुइल,’ उहाँ कहलै,–‘यी बर्ष बेचविखनके प्रयासके घटनामे ३२ जाने, घरेलु हिंसाके घटनामे १ हजार ३४६, कठित बोक्सीनीयाके आरोपमे ५८ जाने, बलात्कारके घटनामे ६ सय ४८ जाने, बलात्कार प्रयासके घटना १ सय ५२ जाने, यौन दुव्र्यवहारके घटनामे ६२ जाने, ओ बेचविखनके घटनामे २५ जाने महिला पीडिट हुइल वर्ष पुस्तकमे उल्लेख बा ।’
यी बर्ष परिवारजनसे १ सय २ जाने महिलाके हत्याके हुइल, उहे कारणसे १२ जाने महिला हिंसामे परल पुस्तकमे उल्लेख हुइल उहाँ जनैलै । परिवारजनसे महिला मुवाइल कुछ घटनामे पीडितपक्षसे हत्याके आरोप लगाइल मने आरोपित पक्षसे आत्महत्या करल कहिके बटाइल पाइल, पोष्टमार्टम रिपोर्टमे आत्महत्या विल्गाइल कहटी प्रहरीसे उजुरी नइलेहल घटनाफे बर्ष पुस्तकमे अभिलेख हुइल बा । यी बरष बाल अधिकार उल्लङघनके घटनामे १ हजार ४६१ जाने पीडित हुइल जनाइल बा । जौन मन्से बलात्कारके घटनामे ९ सय ८९, यौन दुव्र्यवहारके घटनामे ३ सय ५६, विद्यालयमे शारीरिक सजाय डेहल घटनामे १९ जाने, बालबालिका पीडित हुइल अभिलेख हुइल उहाँ जनैलै ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशमे सन २०२० मे मानवअधिकार उल्लङघनके घटनामे ५ सय १७ जाने पीडित रहल हुइल इन्सेक प्रदेश संयोजक जोशी बटैलै । राज्य पक्षसे ५२ जाने पीडित हुइल बटै, ओम्ने ३ महिला ४९ पुरुष रहल बटै । अधिकारके आन्दोलन करेबेर गिरफतार हुइल ४०, कुटपिट ६, हिरासत वा थुनामे मृत्यु २, जेलमे मृत्यु ३, अभिव्यक्ति भेला तथा संगठित हुइना अधिकार १ करके ५२ पीडित हुइल बटै । गैर सरकारीपक्षसे ४ सय ६५ जाने पीडित हुइल बटै । उ घटना कुटपिटमे २१, बाल अधिकार हनन ८२, आर्थिक सामाजिक तथा सास्कृतिक अधिकार १, घाहिल ३, हत्या ४०, जातीय विभेद ७, महिला अधिकार हनन ३११ करके ४ सय ६५ जाने पीडित हुइल संयोजक बटैलै ।
बालश्रम, बालबालिका ओसारपसार, बेचविखन, यौनजन्य हिंसा, शिक्षा ओ स्वास्थ्यके अवसरसे बञ्चित जैसिन बाल अधिकार हननसे बालबालिका पीडित हुइल इन्सेकके अभिलेखमे डेखगिल बा । ढेर जैसिन विद्यालय भवन बालमैत्री नइरहल, छात्राहुकनके लाग अलगे शौचालयके उचित व्यवस्था नइरहल, बहुत न्यून संख्यामे अपाङमैत्री विद्यालय भेटल, निःशुल्क शिक्षाके विषय व्यवहारमे लागु नइहुइल पाइल जनाइल बा । सामुदायिक विद्यालयसे टमान बहानामे शुल्क असुल करल, उमेर नइपुगल अवस्थामे भोज कैना प्रचलन अभिन कायम रहल, ढेर जैसिन बालविवाहके घटना प्रहरीसम नइपुगल, विद्यालयम डेना शारीरिक दण्डके घटना अभिलेख हुइलमे सक्कु जैसिन घटना मेलमिलापमे टुङल पुस्तकमे उल्लेख करल बा ।
कारागारमे क्षमतासे ढेर कैदीबन्दी रख्ना ओ ओकर कारण सिर्जित समस्या समाधानके लाग सरकारी पहल नइहुइल, देशभरके कारागारके क्षमता ११ हजारके हाराहारीमे हुइलेसेफे २३ हजारसे ढेर कैदीबन्दी रहल, क्षमतासे ढेर कैदीबन्दीहे सुटना, बैठना, खाना पकैना, खैना, नेंगघुम कैना, शौचालय जैना, लहैना, खानेपानीके साथे टमान रोगके संक्रमण जैसिन समस्या विल्गाइल जनाइल बा । नेपाल मानव अधिकार बर्ष पुस्तक २०२१ सार्वजनिकरण तथा सन २०२१ के मानव अधिकार अवस्था’ विषयक अन्तरक्रिया कार्यक्रमके वडका पहुना रहल सुदूरपश्चिम प्रदेशके मुख्य न्यायधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय यी पुस्तक समाजके ऐन रहल बटैलै ।
‘पुस्तकमे प्रतिवद्धताके जवाफडेहिता’ नारा उल्लेख हुइल अन्सार राज्यसे कैना प्रतिबद्धता जनैना मने कार्यान्वयन नइकैना बटैलै । उहाँ कहलै, ‘यहाँ दलित, जनजाती, महिलाके सवाल बा कानूनफे बनल मने कार्यान्वयन नइहुइल हो ।’ प्रदेशमे लागु औषध खतरनाक रुप लेटी रहल ओरसे यूवा जेनेरेशन पलायन हुइना, संस्कृति खतम हुइना अवस्था रहल उहाँ बटैलै । अदालतमे ३०÷३५ प्रतिशत लागु औषधके मुद्दा रहल उहाँ बटैलै । जिल्ला वकिल सरकारी कार्यालयके सहायक न्यायधिवक्ता सुर परियार बर्ष पुस्तकमे महिला हिंसाके घटना बह्रल विल्गाइलपाछे राज्य गम्भीर हुइना बटैलै । अदालतके मुद्दा हेरेबेर ७० प्रतिशत हिंसाके मुद्दा रहल उहाँ जनैलै ।
कार्यक्रममे राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग प्रदेश संयोजक मोहन जोशी लैङिकताके आधारमे घटना घटटी रहल बटैलै । बालबालिका असुरक्षाके कारण विद्यालय जैनासेफे बन्चित हुइल उहाँ कहलै । गैरसरकारी संस्था महासंघके केन्द्रीय सदस्य सावित्रा घिमिरे बर्षहे स्रोतके रुपमे लेहल बटैली । वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन स्वाँर बर्ष पुस्तक इतिहासके दस्ताबेज बनल उल्लेख करलै । कैलाली जिल्ला अदालत बार इकाई अध्यक्ष सिद्धराज पनेरु इन्सेकसे प्रकाशित नेपाल मानव अधिकार बर्ष पुस्तकहे राज्यफे दस्तावेजीकरणके रुपमे लेहे विश्वास करल बटैलै । कार्यक्रममे मैनामोती चौधरी प्रदेशके उत्कृष्ट जिल्ला प्रतिनिधिके रुपमे सम्मानित हुइल रही । हुकहिनहे कार्यक्रमके वडका पहुना सुदूरपश्चिम प्रदेशके मुख्य न्यायधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय दोसल्ला सहित सम्मान करल रहिन । नेपाल मानव अधिकार बर्ष पुस्तक २०२१ सार्वजनिकरण तथा सन २०२१ के मानव अधिकार अवस्था’ विषयक अन्तरक्रिया कार्यक्रम इन्सेक प्रदेश अभिलेख अधिकृत कृष्ण विक करले रहिट ।